सनातन धर्म के अध्‍ययन हेतु वेद-- कुरआन पर अ‍ाधारित famous-book-ab-bhi-na-jage-to

जिस पुस्‍तक ने उर्दू जगत में तहलका मचा दिया और लाखों भारतीय मुसलमानों को अपने हिन्‍दू भाईयों एवं सनातन धर्म के प्रति अपने द़ष्टिकोण को बदलने पर मजबूर कर दिया था उसका यह हिन्‍दी रूपान्‍तर है, महान सन्‍त एवं आचार्य मौलाना शम्‍स नवेद उस्‍मानी के ध‍ार्मिक तुलनात्‍मक अध्‍ययन पर आधारति पुस्‍तक के लेखक हैं, धार्मिक तुलनात्‍मक अध्‍ययन के जाने माने लेखक और स्वर्गीय सन्‍त के प्रिय शिष्‍य एस. अब्‍दुल्लाह तारिक, स्वर्गीय मौलाना ही के एक शिष्‍य जावेद अन्‍जुम (प्रवक्‍ता अर्थ शास्त्र) के हाथों पुस्तक के अनुवाद द्वारा यह संभव हो सका है कि अनुवाद में मूल पुस्‍तक के असल भाव का प्रतिबिम्‍ब उतर आए इस्लाम की ज्‍योति में मूल सनातन धर्म के भीतर झांकने का सार्थक प्रयास हिन्‍दी प्रेमियों के लिए प्रस्‍तुत है, More More More



Sunday, July 4, 2010

रब का मिज़ाज रहमत वाला है। उसका सच्चा बन्दा भी वही है जिसका मिज़ाज रहमत वाला है। - Anwer Jamal

मानवधर्म : पैग़म्बर की वाणी में
1. हजरत अबू हुरैरह रज़ि0 से रिवायत है कि अल्लाह के रसूल सल्ल0 ने कहा कि अल्लाह तआला क़ियामत के दिन (किसी बन्दे से) कहेगाः ”हे आदम के बेटे! मैं बीमार हुआ तूने मेरी बीमारपुर्सी नहीं की।“ वह बन्दा कहेगा कि हे रब! मैं तेरी बीमारपुर्सी कैसे करता तू तो सारे जगत का रब है? वह कहेगाः ”क्या तू नहीं जानता था कि मेरा अमुक बन्दा बीमार है तूने उसकी बीमारपुर्सी नहीं की? क्या तू नहीं जानता था कि अगर तू उसकी बीमारपुर्सी करता, तो अवश्य ही तू मुझे उसके पास पाता। हे आदम के बेटे! मैंने तुझसे खाना मांगा लेकिन तूने मुझे खाना नहीं खिलाया।” बन्दा कहेगा-हे रब! मैं तुझे खाना कैसे खिलाता तू तो जगत का रब है। वह कहेगाः ”क्या तुझे नहीं मालूम कि मेरे अमुक बन्दे ने तुझसे खाना मांगा लेकिन तूने उसे खाना नहीं खिलाया। क्या तूने बात न जानी कि अगर तूने उसे खिलाया होता, तो उस (के सवाब) को मेरे पास पाता। हे आदम के बेटे! मैंने तुझसे पानी मांगा लेकिन तूने मुझे पानी न पिलाया।“ बन्दा कहेगा- हे रब, मैं तुझे कैसे पानी पिलाता तू तो सारे जगत का रब है। वह कहेगाः ‘‘मेरे अमुक बन्दे ने तुझसे पानी मांगा लेकिन तूने उसे न पिलाया अगर तू उसे पानी पिलाता तो उस (के सवाब) को मेरे पास पाता।“ - मुस्लिम

2. हज़रत अबू हुरैरह रज़ि0 से रिवायत है कि नबी सल्ल0 ने कहा कि जब कोई मुसलमान अपने किसी बीमार भाई की बीमारपुर्सी करता है या उससे मुलाक़ात करता है तो अल्लाह तआला कहता हैः ‘‘तुझे मुबारक हो और तेरा यह चलना मुबारक है। तूने अपना घर जन्नत में बना लिया।“ -तिरमिज़ी
रब का मिज़ाज रहमत वाला है। उसका सच्चा बन्दा भी वही है जिसका मिज़ाज रहमत वाला है।इनसान अपने रब की कुदरत का भी निशान है और उसकी रहमत और मुहब्बत का भी। उसने इनसान से ऐसी और इतनी मुहब्बत की है जिसे इनसान पूरे तौर पर कभी समझ नहीं पायेगा। खुदा इनसानों से भी यही चाहता है कि वो भी आपस में प्यार-मुहब्बत का बर्ताव करें। उसने ज़मीनो-आसमान की हर चीज़ को इनसान को नफ़ा पहुंचाने में लगा दिया है। बहुत सी चीज़ों के भण्डार उसने खुद इनसानों के ही हवाले कर दिये हैं जिन्हें बरतने के लिए बांटने की ज़िम्मेदारी भी उसने इनसानों पर ही डाल दी है। ज़िन्दगी के लिए ज़रूरी बुनियादी चीज़ों के ग़लत बंटवारे की वजह से कुछ लोगों पर तो बहुत कुछ हो जाता है जबकि बहुत से लोगों के पास कुछ भी नहीं होता। कभी-कभी अपनी ग़लत आदतों या ग़लत फैसलों के नतीजे में भी इनसान बदहाली का शिकार हो जाता है। और कभी यही बदहाली हालात के उतार-चढ़ाव के नतीजे में इनसान को घेर लेती है। वजह कुछ भी हो लेकिन बुरे हाल से गुज़रने वाला शख़्स अगर आपसे मदद मांगता है तो हैसियत के मुताबिक़ उसकी मदद करना अपकी ज़िम्मेदारी है चाहे उसका मत, प्रदेश, जाति और भाषा कुछ भी क्यों न हो? जैसे नज़र आने वाले शख़्स के पीछे आंख से नज़र न आने वाला मालिक मौजूद है ऐसे ही इस नज़र आने वाली दुनिया के पीछे आंख से दिखाई न देने वाली आखि़रत (परलोक) भी पोशीदा है। जो कुछ आप आज कर रहे हैं, वह कल आपके ही काम आने वाला है। कल जब क़ियामत के रोज़ आप अपने रब के दरबार में पेश किये जाएंगे तो वहाँ तिलावते-कुरआन, नमाज़, रोजा, हज और ज़िक्र व तस्बीह को भी जांचा परखा और तौला जाएगा और यह भी देखा जाएगा कि सच्चे मालिक का इतना नाम लेने वाले ने अपने मालिक के मिज़ाज और उसकी मन्शा को कितना पहचाना है और वह मालिक के रंग में खुद को कितना रंग पाया है? रब का मिज़ाज रहमत वाला है। उसका सच्चा बन्दा भी वही है जिसका मिज़ाज रहमत वाला है। जहां लोगों के मिज़ाज में रहमत और हमदर्दी होगी वहां ज़ुल्म-ज़्यादती, ग़रीबी, दुख और जुर्म बाकी नहीं रह सकते। दुखी लोगों के दरम्यान रहते हुए भी उनके दुख की तरफ़ से आँखे बंद करके ध्यान में लीन रहने वाला भक्त अपने पालनहार के स्वभाव से अपरिचित है, चाहे उसके कितने ही चक्र जाग्रत हों और कितने ही लोग उसे गुरू क्यों न मानते हों?
न तो आज वो अपने लिए कुछ भेज रहा है और न ही कल उसे कुछ मिलने वाला है।

16 comments:

HAKEEM YUNUS KHAN said...

nice post .

HAKEEM YUNUS KHAN said...
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HAKEEM YUNUS KHAN said...

रब का मिज़ाज रहमत वाला है। उसका सच्चा बन्दा भी वही है जिसका मिज़ाज रहमत वाला है।

S.M.Masoom said...

जब हमें ईश्वर के प्रेम की अनुभूति होगी तो हम देखें गे यह प्रेम इतना व्यापक हो गया है कि हम सभी लोगों से प्रेम करने लगे हैं। धार्मिक शिक्षाओं, अध्यात्मिक नियमों और ईश्वर द्वारा दर्शाए गए मार्गों पर चलकर हम शिष्टाचार के उच्चतम शिखर पर पहुंच सकते हैं।

Ayaz ahmad said...

अच्छी पोस्ट

सत्य गौतम said...

जय भीम , किसका मिजाज कैसा है ? जानने के लिए धर्म ग्रंथो के साथ इतिहास जानना भी आवश्यक है ।

सहसपुरिया said...

अच्छी पोस्ट

सहसपुरिया said...

लेकिन बुरे हाल से गुज़रने वाला शख़्स अगर आपसे मदद मांगता है तो हैसियत के मुताबिक़ उसकी मदद करना अपकी ज़िम्मेदारी है चाहे उसका मत, प्रदेश, जाति और भाषा कुछ भी क्यों न हो

MLA said...

Achha lekh

The Straight path said...

अच्छी पोस्ट

PARAM ARYA said...

सत्य गौतम , तेरे ब्लाग पर इतिहास नहीं काल्पनिक आरोप मात्र हैं ।

Saleem Khan said...

अल्लाह के रसूल सल्ल0 ने कहा कि अल्लाह तआला क़ियामत के दिन (किसी बन्दे से) कहेगाः ”हे आदम के बेटे! मैं बीमार हुआ तूने मेरी बीमारपुर्सी नहीं की।“ वह बन्दा कहेगा कि हे रब! मैं तेरी बीमारपुर्सी कैसे करता तू तो सारे जगत का रब है? वह कहेगाः ”क्या तू नहीं जानता था कि मेरा अमुक बन्दा बीमार है तूने उसकी बीमारपुर्सी नहीं की? क्या तू नहीं जानता था कि अगर तू उसकी बीमारपुर्सी करता, तो अवश्य ही तू मुझे उसके पास पाता। हे आदम के बेटे! मैंने तुझसे खाना मांगा लेकिन तूने मुझे खाना नहीं खिलाया।” बन्दा कहेगा-हे रब! मैं तुझे खाना कैसे खिलाता तू तो जगत का रब है। वह कहेगाः ”क्या तुझे नहीं मालूम कि मेरे अमुक बन्दे ने तुझसे खाना मांगा लेकिन तूने उसे खाना नहीं खिलाया। क्या तूने बात न जानी कि अगर तूने उसे खिलाया होता, तो उस (के सवाब) को मेरे पास पाता। हे आदम के बेटे! मैंने तुझसे पानी मांगा लेकिन तूने मुझे पानी न पिलाया।“ बन्दा कहेगा- हे रब, मैं तुझे कैसे पानी पिलाता तू तो सारे जगत का रब है। वह कहेगाः ‘‘मेरे अमुक बन्दे ने तुझसे पानी मांगा लेकिन तूने उसे न पिलाया अगर तू उसे पानी पिलाता तो उस (के सवाब) को मेरे पास पाता

Sharif Khan said...

अच्छी पोस्ट है. इन बातों की सच्चाई से इंकार नहीं किया जा सकता.
देखें http://haqnama.blogspot.com/2010/07/blog-post_04.html
अल्लाह सुबहाना व तआला पवित्र क़ुरआन के चैथे अध्याय की 135वीं आयत में फ़रमाता है, अनुवाद,‘‘ऐ लोगो जो ईमान लाए हो, इन्साफ़ का झण्डा उठाओ और ख़ुदा वास्ते के गवाह बनो चाहे तुम्हारे इन्साफ़ और तुम्हारी गवाही की चपेट में तुम स्वयं या तुम्हारे मां बाप और रिश्तेदार ही क्यों न आते हों। प्रभावित व्यक्ति (जिसके ख़िलाफ़ तुम्हें गवाही देनी पड़े) चाहे मालदार हो या ग़रीब, अल्लाह तुमसे ज़्यादा उनका भला चाहने वाला है। अतः तुम अपनी इच्छा के अनुपालन में इन्साफ़ से न हटो। और अगर तुमने लगी लिपटी बात कही या सच्चाई से हटे तो जान रखो कि, जो कुछ तुम करते हो, अल्लाह को उसकी ख़बर है।‘‘

Anjum Sheikh said...

अल्लाह आपकी बेटी को सेहत दे, उसकी और आपकी परेशानियों को दुरुस्त करें.

हिजाब के ऊपर मैंने एक लेख लिखा है, मेरे ब्लॉग पर ज़रूर देखिएगा.

Anonymous said...

http://www.healthymuslim.com/

झंडागाडू said...

डाक्टर जमाल साहब मैं आप की बच्ची के बारे मैं पूछना भूल गया था ;
आप अब मुझे बता दिज्ये की बच्ची की तबियत कैसी है ?